जम्मू, 2 जुलाई 2025: अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत आज जम्मू से हुई, जहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर बेस कैंप से 5,880 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया। यह 38 दिनों की पवित्र यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जिसमें पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे।

पहले जत्थे में 1,115 महिलाएं, 31 बच्चे और 16 ट्रांसजेंडर शामिल थे, जो सुबह 4:30 बजे “हर हर महादेव” और “बम बम भोले” के जयकारों के साथ कश्मीर के लिए रवाना हुए। इस बार 3.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। यात्रा पाहलगाम और बालटाल, दो मार्गों से होगी, जिसमें पाहलगाम मार्ग 48 किमी लंबा और बालटाल मार्ग 14 किमी का है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाएं
पाहलगाम में अप्रैल में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा को और सख्त किया गया है। 180 से अधिक अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात की गई हैं, साथ ही ड्रोन, सीसीटीवी, और चेहरा पहचान प्रणाली (FRS) का उपयोग किया जा रहा है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों ने कठिन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है।
जम्मू में 106 आवास केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो 50,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को ठहराने में सक्षम हैं। 5,600 से अधिक शौचालय और स्नान इकाइयां पाहलगाम और बालटाल मार्गों पर स्थापित की गई हैं। स्वच्छता के लिए 7,361 कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
उपराज्यपाल का बयान
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “यह यात्रा न केवल तीर्थयात्रा है, बल्कि शांति और आध्यात्मिक आनंद का एक अनुभव है। कोई भी खतरा श्रद्धालुओं के विश्वास को नहीं डिगा सकता।” उन्होंने प्रशासन और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड द्वारा की गई व्यापक तैयारियों की सराहना की।
आध्यात्मिक महत्व
3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाला हिम शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है। यह यात्रा भक्ति, एकता और भारत की आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।