नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारणों को बताया है। धनखड़ 2022 में उपराष्ट्रपति बने थे और लगभग तीन वर्षों तक उन्होंने यह प्रतिष्ठित पद संभाला।
यह राजनीतिक घटनाक्रम देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव है और आने वाले महीनों में इसकी गूंज संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक सुनाई दे सकती है।

👉 हालिया घटनाक्रम –
- स्वास्थ्य संबंधी कारण: हाल के महीनों में जगदीप धनखड़ की तबीयत बिगड़ी थी और उन्होंने कई बार मेडिकल जांच और अस्पताल में इलाज कराया। इसके चलते वे सार्वजनिक कार्यक्रमों से भी अनुपस्थित रहे।
- सार्वजनिक टिप्पणियाँ: हाल ही में उन्होंने देश की शिक्षा प्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि “अंक आधारित मूल्यांकन छात्रों को रचनात्मकता से दूर कर रहा है।” साथ ही उन्होंने कुछ कोचिंग सेंटरों को “प्रतिभा के लिए ब्लैक होल” भी बताया।
- वैश्विक चिंताएँ: जुलाई 2025 में उन्होंने एक बयान में कहा था कि “विश्व की स्थिति शांति-प्रिय देशों के लिए चिंताजनक और खतरनाक बनी हुई है,” और भारत को अपनी सांस्कृतिक तथा संवैधानिक परंपराओं को मजबूती से थामे रखना चाहिए।
- संविधान की बात: उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ ने बार-बार यह सुनिश्चित करने की बात कही कि “सरकार, न्यायपालिका और संसद — तीनों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में रहना चाहिए।”
🗣️ राजनैतिक प्रतिक्रियाएँ
उनके इस्तीफे के बाद देश के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं और उनके सेवा कार्यों की सराहना की। अब इस बात को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। सत्तारूढ़ भाजपा जल्द ही नए नाम की घोषणा कर सकती है।
🧑💼 जीवन परिचय (संक्षेप में)
- जन्म: 18 मई 1951, किठाना, राजस्थान
- शिक्षा/पेशा: वकील, राजनीतिज्ञ
- राजनैतिक अनुभव:
- पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (2019–2022)
- भारत के उपराष्ट्रपति (2022–2025)
- सांसद (1989–1991)
- राजस्थान विधायक (1993–1998)
- राजनीतिक दल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा न केवल संवैधानिक महत्व रखता है बल्कि यह भारतीय राजनीति में आने वाले परिवर्तनों का संकेत भी देता है। अधिक जानकारी और अपडेट के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।