जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: पुरी में भव्य आयोजन कल से शुरू
पुरी, ओडिशा: विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 का शुभारंभ कल, 27 जून 2025 को पुरी, ओडिशा में होने जा रहा है। यह पवित्र उत्सव भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है, जो हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि को आयोजित की जाती है, जो इस वर्ष 26 जून 2025 को दोपहर 1:24 बजे शुरू होकर 27 जून को सुबह 11:29 बजे तक रहेगी।
तैयारियां जोरों पर
पुरी शहर इस भव्य यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार है।
तीन विशाल रथ –
- भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष
- बलभद्र का तलध्वज
- सुभद्रा का दर्पदलन
इन रथों को 200+ skilled artisans ने सिर्फ 58 दिनों में तैयार किया है।
हर रथ करीब 45 फीट ऊंचा होता है और इसमें 5 तरह की लकड़ियों का use होता है।
इंटरस्टिंग बात ये है कि रथ बनाने में किसी scale या मशीन का यूज़ नहीं होता, बल्कि एक special लकड़ी की छड़ी से मेजरमेंट ली जाती है। यात्रा के बाद ये रथ dismantle कर दिए जाते हैं और अगले साल नए बनाए जाते हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
इस बार Puri को literally एक किले में बदल दिया गया है।
- 10,000 से ज्यादा security personnel
- NSG Snipers
- AI-powered CCTV Cameras
हाल ही में हुए Pahalgam terrorist attack के चलते security और भी टाइट की गई है।
Odisha के DGP Y.B. Khurania ने बताया कि एक integrated command & control room भी बनाया गया है ताकि लाखों श्रद्धालुओं की safety ensure की जा सके।
रथ यात्रा का महत्व
जगन्नाथ रथ यात्रा, जिसे गुंडिचा यात्रा या पाटोत्सव भी कहा जाता है, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को श्री जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है, जहां वे एक सप्ताह तक रहते हैं। यह यात्रा भक्ति, एकता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से इस पवित्र यात्रा में शामिल होने पहुंचते हैं।
अन्य शहरों में भी उत्साह
पुरी के अलावा, अहमदाबाद में 148वीं रथ यात्रा और प्रयागराज में भी रथ यात्रा का आयोजन होगा। अहमदाबाद में 23,884 पुलिसकर्मियों की तैनाती और पहली बार एआई ड्रोन से निगरानी की जाएगी। प्रयागराज में रथ यात्रा मोहत्सिमगंज के हनुमान मंदिर से सुबह 11 बजे शुरू होगी, जिसमें भगवान को रत्नों से जड़ित वस्त्र और मुकुट पहनाए जाएंगे।
भक्तों के लिए शुभकामनाएं
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 के इस पावन अवसर पर, सभी भक्तों को भगवान जगन्नाथ की कृपा प्राप्त हो। यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का भी प्रतीक है। अपने प्रियजनों को इस पर्व की शुभकामनाएं भेजें और इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बनें।